सेना प्रमुख ने कहा- चीन ने पिछले कुछ दशकों में कोई युद्ध नहीं लड़ा, फिर भी सैन्य शक्ति को प्रदर्शित कर मिलिट्री लीडर के तौर पर उभरा

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को लैंड वॉर फेयर पर आयोजित सेमिनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा- चीन पिछले कुछ दशकों में किसी युद्ध में शामिल नहीं हुआ है। लेकिन, लगातार अपनी सैन्य शक्तियों का प्रदर्शन करके उसने अपना प्रभाव कायम किया है। यही कारण है कि चीन प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में मिलिट्री लीडर के तौर पर उभरा है। दक्षिण चीन सागर में बिना एक गोली चलाए दबदबा बनाना लक्ष्य की ओर बढ़ने का चीन का एक छोटा सा कदम माना जा सकता है। 


सेना प्रमुख ने बताया कि भारत भी अपनी पारंपरिक शक्तियों को मजबूत कर रहा है। यह अपनी पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर किसी प्रकार की जवाबी कार्रवाई के लिए भी खुद को तैयार कर रहा है। भारत की उत्तरी सीमा चीन से और पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है।


सही ढंग से ताकत दिखाने पर युद्ध के हालात नहीं बनते: नरवणे


जनरल नरवणे ने कहा- बालाकोट एयरस्ट्राइक से यह पता चलता है कि सही ढंग से अगर ताकत दिखाई जाए तो इससे युद्ध के हालात नहीं बनते। आतंकियों और नॉन स्टेट एक्टर्स की भूमिका बढ़ रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि युद्ध लड़ने का तरीका भी बदला जाए। तबाही फैलाने के लिए तकनीकों का उपयोग करने में आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन अमेरिका और ब्रिटेन की उन्नत सेनाओं से भी ज्यादा पारंगत हैं।


नई तकनीक युद्ध करने के तरीकों में बदलाव ला रही: सेना प्रमुख


उन्होंने कहा- दुनिया भर में तकनीक काफी तेजी के साथ बढ़ रही है। अब मेन बैटल टैंक और फाइटर विमानों से लड़ाई लड़ने के तरीके पुराने हो चुके हैं। नई तकनीक और नए मौके युद्ध करने के तरीकों में बदलाव ला रहे हैं। एक सेना के तौर पर हमारी सोच फुर्तीली होनी चाहिए। बदलते समय के साथ हमें बदलना होगा। अपने सैन्य बेड़ों को उन्नत बनाना होगा।